The Ultimate Guide To best hindi story

एक दिन की बात है रितेश को स्कूल के लिए देरी हो रही थी। वह घास नहीं ला सका, और स्कूल चला गया। जब स्कूल से आया तो खरगोश अपने घर में नहीं था। रितेश ने खूब ढूंढा परंतु कहीं नहीं मिला। सब लोगों से पूछा मगर खरगोश कहीं भी नहीं मिला।

रास्ते में, उनका सामना एक शक्तिशाली राक्षस से हुआ, लेकिन बोधिसत्व में पर्याप्त आत्मविश्वास था और वे घबराए नहीं। उसके आत्मविश्वास और निडर रवैये को देखकर राक्षस ने उसे जाने दिया। वन छोड़ने से पहले, बोधिसत्व ने राक्षस को भक्ति के मार्ग पर चलने और क्रूरता के मार्ग को छोड़ने का आदेश दिया। कुछ लोग अभी भी जंगल के बाहर इंतजार कर रहे थे। बोधिसत्व ने उन्हें सारी बातें बताईं और फिर बनारस की ओर चल पड़े। आगे जाकर जब बोधिसत्व राजा बना तो उसने बड़ी ईमानदारी और बुद्धि से लोगों की सेवा की और देश की सेवा की।

धीरे-धीरे वहां से लोगों ने कूड़ा फेंकना बंद कर दिया, और इतनी खूबसूरत पेंटिंग दीवार पर थी कि कोई अब वहां खड़े होकर पेशाब भी नहीं करता था। देखते ही देखते वह रास्ता साफ हो गया था।

गाड़ी आने के समय से बहुत पहले ही महेंद्र स्टेशन पर जा पहुँचा था। गाड़ी के पहुँचने का ठीक समय मालूम न हो, यह बात नहीं कही जा सकती। जिस छोटे शहर में वह आया हुआ था, वहाँ से जल्दी भागने के लिए वह ऐसा उत्सुक हो उठा था कि जान-बूझ कर भी अज्ञात मन से शायद किसी इलाचंद्र जोशी

मोती से सामान छीनने लगे। गाय ने मोती को संकट में देख उसको बचाने के लिए दौड़ी।

सियार सीधा राजा के पास गया और वहां जा के सियार ने किसान के बारे में राजा को सब बताया। राजा बहुत दिन से अपने खेतों के लिए एक ऐसा ही मेहनती किसान ढूंढ रहा था और उसने सियार से किसान को राजमहल लाने को कहा।

किसी जगह पर पीपल का एक बहुत बड़ा पेड़ था। वहां रहने वाले लोगों का यह मानना था की यह पीपल का पेड़ बहुत पवित्र है। कुछ समय बीता, वहां केराजा की एक बेटी हुई। बेटी का नाम रूपा रखा गया। रूपा को बाग़-बगीचे में खेलना बहुत अच्छा लगता था। जैसे ही रूपा की पढ़ाई पूरी होती, वह सीधे राज बगीचे में खेलने चली जाती।

सुरीली दोनों गीदड़ को अपने सिंघ से मार-मार कर रोक रही थी।

कालिया ने अपने दोस्तों को भी परेशान किया हुआ था।

कोई बच्चा गलती से उस गली में निकल जाता more info तो , उसके हाथों से खाने की चीज छीन कर भाग जाता ।

नैतिक शिक्षा – मेहनत करने से कोई कार्य असम्भव नहीं होता।

Impression: Courtesy Amazon A really like story influenced by the Sikh riots of 1984, this Hindi fiction e-book is about its protagonist Rishi, who gets to be a rioter himself while conserving a Sikh family members from riots. To understand how enjoy survives and trumps most hard circumstances, one particular has to operate from like within the core of his being. The story begins with how Rishi, an orphan, and his landlord Mr. Chhabra’s daughter Manu.

मम्मी ने उन दोस्तों को धन्यवाद किया और उन्हें ढेर सारे आम खिलाएं। वेद जब ठीक हुआ तो उसे दोस्त का महत्व समझ में आ गया था। अब वह उनके साथ खेलता और खूब आम खाता था।

एक दिन की बात है, दोनों खेल में लड़ते-झगड़ते दौड़ रहे थे।

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